The Definitive Guide to bhairav kavach
Wiki Article
कथयामि श्रृणु प्राज्ञ बटुककवचं शुभम्।
ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥
श्रुणुयाद् वा प्रयत्नेन सदाऽऽनन्दमयो भवेत् ॥ १॥
देयं पुत्राय शिष्याय शान्ताय प्रियवादिने ॥ ३०॥
साधक कुबेर के जीवन की तरह जीता है और हर जगह विजयी होता है। साधक चिंताओं, दुर्घटनाओं और बीमारियों से मुक्त जीवन जीता है।
वाद्यं बाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा।।
ॐ पातु नित्यं शिरसि पातु ह्रीं कण्ठदेशके website ॥ १०॥
नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे ।
೨
।। इति रुद्रयामले महातन्त्रे महाकाल भैरव कवचं सम्पूर्णम् ।।
संहारभैरवः पातु दिश्यैशान्यां महेश्वरः